पीएम मोदी बोले ‘हौंक देंगे’ – जानिए क्या मतलब होता है इस धमकी का!

शालिनी तिवारी
शालिनी तिवारी

कानपुर की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंच से एक नया मुहावरा उछाल दिया —

“हौंक देंगे!”

“युद्ध रोका या किस्सा घड़ा?” – ट्रंप बोले, मोदी मौन, कांग्रेस तने खड़ी!

अब टीवी वाले सोच में पड़ गए, विपक्ष चौंक गया और ट्विटर पे ट्रेंड चल पड़ा — #HaunkDenge। तो चलिए, इस देसी धमकी का मतलब समझते हैं — और वो भी कनपुरिया ठसक में

‘हौंक देना’ मतलब क्या? हिंदी नहीं, ठेठ कनपुरिया शब्दकोश से पढ़िए!

हौंक देना का मतलब है:

जोर से झाड़ देना, लताड़ देना या किसी को ऐसा सुनाना कि सामने वाला चुपचाप साइड हो ले।

कनपुर में अगर कोई बोले “हौंक देंगे”, तो समझ लीजिए बात हाथ नहीं, आवाज़ से निपटने की है — मगर असर चांटे जैसा होता है।

पीएम मोदी का संदर्भ: बात सिर्फ लहजे की नहीं, चुनावी तेवर की थी!

मोदी जी बोले:

“ये लोग समझते नहीं हैं… अबकी बार हौंक देंगे!”

यानि साफ़ सिग्नल था – विपक्ष ध्यान से सुने, अब राजनीतिक बहस में “चुप कराने वाला जवाब” आने वाला है।

पर विपक्ष ने मुद्दा पकड़ लिया, बोले – “प्रधानमंत्री का भाषा स्तर देखिए, क्या यही नया भारत है?”

सोशल मीडिया का हाल: लोग बोले – ‘हौंक देंगे’ शब्द में दम है!

जैसे ही ये बयान आया, सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई:

  • एक यूजर ने लिखा: “मोदी जी अब भाषण नहीं देते, डायलॉग मारते हैं।”

  • दूसरे बोले: “हौंक देने की परिभाषा अब UPSC में आएगी!”

कुछ कनपुरिया भाई बोले – “मोदी जी ने हमारे मोहल्ले की बोली इंटरनेशनल बना दी!”

राजनीति में ‘हौंक’ का महत्व: अब हर रैली में गरजती ज़ुबान

इस एक शब्द ने मोदी की स्पीच को वायरल बना दिया। चुनावी माहौल में जब हर नेता टेलीप्रॉम्प्टर पढ़ रहा हो, मोदी जी सीधे कनपुरिया मुहावरा निकाल दें, तो लोग तो कहेंगे ही – “देखो, ये नेता जनता जैसी भाषा बोलता है।”

‘हौंक देंगे’ सिर्फ़ शब्द नहीं, अब एक पोलिटिकल पंचलाइन है!

तो भाई, अगली बार कोई बोले ‘हौंक देंगे’, तो समझ लीजिए – मामला गंभीर है, लहजा देसी है और इरादा बिलकुल क्लियर है।

और हां, ये मत भूलिए – ये UP है, यहां बातों से भी सियासत पलट जाती है।

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